All Party Meeting राज्यों के कर्ज का उठा मुद्दा विपक्षी लोगो ने उठाया मुद्दा | Latest Updates 2022

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All Party Meeting राज्यों के कर्ज का उठा मुद्दा विपक्षी लोगो ने उठाया मुद्दा | Latest Updates 2022

All Party Meeting
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श्रीलंका समस्या में बुलाई गयी बैठक में विपक्षी दलों ने राज्यों के कर्ज का मुद्दा उठा लिया है। बैठक के दौरान दोनों दलो ने एक दूसरे का खूब विरोध किया है। आगे की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट hindideash.com से जुड़े रहे। यहाँ पर आपको हर तरह की न्यूज़ पढ़ने को मिलेगी।

श्रीलंका के इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने एक दूसरे को तना मरते हुए कहा है की आख़िरकार हम जिस मुद्दे पर बात करना चाहते है उस मुद्दे पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है। जबकि राज्यों के कर्जो को लेकर इस पर भरी चर्चा की जा रही है।

टीआरएस ने कहा है की भारतीय जनता पार्टी बिच में ही ऐसे मुद्दों पर चर्चा क्यों कर रही है। जबकि हम तो श्रीलंका की समस्या को कुछ अंजाम देने के लिए यह पर एकत्रित हुए है।

विपत्ति के समय राजनीती क्यों -विपक्षीदल 

श्रीलंका की विपत्ति पर जो बैठक बुलाई गयी है। उस पर बात करते समय विप क्षी दलों ने राज्यों के कर्जे पर पर बात करना शुरू कर दिया जिसकी वजह से कॉग्रेस के नेताओ ने विरोध किया है। बताया गया है की वहा पर मौजूद लोगो ने इस बात का विरोध किया है यदि इस बैठक में राज्यों के कर्जे की बात कही है। तो केंद्र सरकार के ऊपर जो कर्जा है उसके बारे में बात क्यों नहीं की जा रही है।

दूसरी तरफ, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि बहुत से लोगों को चिंता थी कि कहीं भारत की भी स्थिति श्रीलंका जैसी तो नहीं हो जायेगी. मीडिया में ऐसी खबरें भी चल रहीं थीं. इसलिए हमने वित्त मंत्रालय से इस पर एक प्रेजेंटेशन मांगा था. वित्त मंत्रालय ने विस्तृत प्रेजेंटेशन बनाकर हमें दिया. इसमें राज्यवार ब्योरा था. खर्च से लेकर आमदनी तक, कर्ज से जीएसडीपी, वृद्धि दर या कर्ज, कर्ज जो उन्होंने ले रखा है, संपत्तियों को लीज पर दे रखा है.

कैसे कैसे संकटो के सामना कर रही है श्रीलंका -जानिए 

बैठक में एस जयशंकर ने कहा है की इस बैठक में हमें श्रीलंका की विपत्ति के बारे में ही बात करनी चाहिए न की राज्यों के ऊपर कर्ज की इस समय श्रीलंका बहुत गंभीर संकटो का सामना रही है। हमें उनकी मदद के लिए कुछ सोचना चाहिए। श्रीलंका हमारा पड़ोसी राज्य है। हम इसके बारे में कुछ करना हो यदि कुछ नहीं किया तो आने वाले समय में भारत पर भी संकट आएगा जब श्रीलंका मदद के लिए मना कर देना। यदि आज हम उसकी मदद करेंगे तो बदले  में वो हमारी मदद जरूर करेगा।

राज्यों के कर्जो की बात तो हमारा निजी मामला है और हम इस पर बाद में भी बात कर सकते है। यह बैठक जिसके लिए बुलाई गयी है हमें उसके बारे में बात करनी चाहिए। न की बैठक में किसी एक दूसरे को ताना मरना चाहिए।

श्रीलंका पिछले 7 दशकों में सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है. सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद आर्थिक संकट से उपजे हालातों ने देश में एक राजनीतिक संकट को भी जन्म दिया है. कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है।

बैठक में कौन -कौन हुए शामिल -जानिए 

बैठक में कांग्रेस के पी चिदंबरम, मणिकम टैगोर, एनसीपी के चीफ शरद पवार, डीएमके के टीआर बालू और एमएम अब्दुल्ला, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तेलंगाना राष्ट्र समिति के केशव राव, बहुजन समाज पार्टी के रीतेश पांडे, वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी और एमडीएमके के वाइको आदि ने हिस्सा लिया है।

सभी ने श्रीलंका की मदद के लिए हा की है और सरकार से कहा है की वे जल्द ही श्रीलंका की मदद के लिए कुछ करे। आगे  की जानकारी के लिए इस पोस्ट को दुबारा अपडेट किया जायेगा आप आगे की जानकारी के लिए इस पोस्ट पर आकर इसको पढ़ सकते है।

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