ED बना रहे है सोनिया गाँधी पर राजनीती दबाव जानिए कैसे | Latest Updates 2022

सोनिया गाँधी पर राजनीती दबाव
सोनिया गाँधी पर राजनीती दबाव

राजनीतिक द्वेष से ED सोनिया गाँधी पर बना रहे है दबाव -जानिए पूरी जानकारी | Latest News 2022

सोनिया गाँधी पर राजनीती दबाव
सोनिया गाँधी पर राजनीती दबाव

कॉग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी पर ED के द्वारा दवाब बनाया जा रहा है। ताकि राजनितिक द्वेष में वो जनता के मुद्दे न उठा सके। आगे की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट hindidesh.com पर जुड़े रहे यहाँ पर आपको हर तरह रोज नई खबर देखने को मिलेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आज नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के सामने अपना बया दर्ज करागएंगी। उससे पहले दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस नेता अजय माकन ने प्रेस से बात की। उन्होंने प्रेस से बात करते हुए कहा, “पूरे देश के अंदर सभी राज्यों की राजधानी में कांग्रेस पार्टी सत्याग्रह का कार्यक्रम कर रही है।

उसी तरीके से हम लोगों ने यह तय किया था कि दिल्ली के अंदर राजघाट पर हम लोग सत्याग्रह करेंगे। जब तक कि सोनिया गांधी को पूछताछ के बाद में वापस नहीं जाने दिया जाएगा। तब तक हमरा सत्याग्रह राजघाट पर जारी रहेगा। बहुत ही दुख की बात है कि केंद्र सरकार ने राजघाट पर प्रमुख विपक्षी पार्टी को सत्याग्रह करने से मना कर दिया। कल मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी पुलिस कमिश्नर से बात की थी, लेकिन राजघाट पर सत्याग्रह की इजाजत नहीं मिली।

राजनीतिक द्वेष से ED सोनिया गाँधी पर बना रहे है दबाव -जानिए पूरी जानकारी | Latest News 2022

 

कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, “दुख की बात यह है कि वो बीजेपी जिसे राजघाट पर, आप लोगों को याद होगा 5 जून 2015 को बाबा रामदेव के समर्थन में डांस पार्टी के रूप में, उत्सव के रूप में प्रदर्शन किया था, उसी बीजेपी ने आज कांग्रेस को राजघाट पर सत्याग्रह करने से मना कर दिया है। इसे ज्यादा शर्म और दुख की कोई बात नहीं हो सकती है।

कांग्रेस नेता ने कहा, “हम लोग यह कहते हैं कि अगर राजघाट पर सत्याग्रह नहीं हो सकता तो इसका मतलब सीधे-सीधे यह है कि लोकतंत्र की तो हत्या हो गई गांधीजी की तरह। अगर गांधी की समाधि पर प्रमुख विपक्षी पार्टी, विपक्षी पार्टी के सभी सांसद एक दिन का सत्याग्रह पर भी नहीं बैठ सकते हैं तो फिर लोकतंत्र कहां पर जिंदा रहेगा।

उन्होंने कहा, “आज हम लोग प्रेस के माध्यम से देश की जनता को यह कहना चाहते हैं, भारतीय जनता पार्टी की सरकार को यह समझाना चाहते हैं कि लोकतंत्र के दो पहिए होते हैं, एक रूलिंग पार्टी और दूसरा विपक्ष। अगर एक भी पहिया लोकतंत्र का खिसक गया तो लोकतंत्र की गाड़ी वहीं की वहीं रुक जाएगी। विपक्ष के पहिए को काम करने दें। विपक्ष के पहिए को घूमने दें, हमें सत्याग्रह का अधिकार है। गांधीजी की समाधि पर सत्याग्रह नहीं करने देना, इससे खराब स्थिति देश के लोकतंत्र के लिए नहीं हो सकीत है।

अजय माकन ने कहा, “सबसे बड़ी बात यह है कि आज से लगभग 10 साल पहले ईडी ने खुद इस केस को खत्म कर दिया था। अब वापस इस केस को खोलने का मतलब यह है कि केवल इस केस के जरिए सरकार विपक्षी पार्टी पर दबाव डाल रही ताकि हम किसानों के मुद्दों को न उठा सकें, हम महंगाई के मुद्दे को न उठा सकें, हम बेरोजगारी के मुद्दे को न उठा सकें, देश की सुरक्षा के मुद्दे को न उठा सकें, सिर्फ इसलिए दबाव की एक राजनीति खेली जा रही है। और राजनीतिक द्वेष की भावना से यह काम किया जा रहा है कांग्रेस पार्टी इसकी भरपूर निंदा करती है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “हम लोगों को अपने दफ्तर में आने में दिक्कत हो रही है। हमारी गाड़ियां एक किलोमीटर दूर रोक दी जाती हैं। जब विपक्ष के हेड ऑफिस में लोगों को आने जाने देने से रोका जाएगा। विपक्षी पार्टियों को सत्याग्रह करने से रोका जाएगा तो लोकतंत्र कहां पर जिंदा रहेगा

माकन ने कहा, “संसद के अंदर हमारे सदस्य इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। वहां पर भी हम लोग चर्चा कर रहे हैं। राजनीतिक द्वेष के भावना से जो यह कार्रवाई की जा रही है, उसके खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं।

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