गायत्री मन्त्र शब्दार्थ एवं भावार्थ

  जो गय (प्राणों) की रक्षा करती है – वह गायत्री है। प्राण कहते हैं चैतन्यता एवं सजीवता को । हमारे भीतर जो गति, क्रिया, विचार शक्ति, विवेक एवं जीवन धारण करने वाला तत्व है- वह प्राण कहलाता है । इस प्राण के कारण ही हम जीवित हैं । प्राण शक्ति बढ़ाने, इसको सुरक्षित रखने, … Read more